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रक्तदाता जेम्स हैरिसन || Man with the Golden Arm James Harrison

Man with the Golden Arm James Harrison

 मैन विद द गोल्डन आर्म जेम्स हैरिसन

    'रक्तदान महादान, इससे बड़ा न कोई दान' कहावत तो आपने सुनी होगी। रक्तदान करने वालों की संख्या बहुत कम है। लेकिन संसार में अनेक ऐसे लोग हैं, जो नियमित रक्तदान करते हैं। उन्हीं में से एक है जेम्स हैरिसन(James Harrison)।  ऑस्ट्रेलिया के रहने वाले हैरिसन, जिन्हें विनम्रतापूर्वक 'मैन विद द गोल्डन आर्म ' के नाम से जाना जाता है, ने वर्ष 1954 से लगभग हर सप्ताह  रक्त देने के बाद वर्ष 2018 में 81 साल की उम्र में अपना अंतिम रक्तदान किया। उन्होंने 60 वर्षों से अधिक समय तक रक्तदान कर 24 लाख बच्चों की जान बचाई है। 

     जेम्स हैरिसन का जन्म 27 दिसंबर,1936 को हुआ था। रक्तदान की उनकी कहानी 14 साल की उम्र में शुरू होती है, जब उनकी छाती का ऑपरेशन हुआ और तब रक्तदान के कारण ही उनकी जान बच पाई थी।  उसी समय उन्होंने ठान लिया था कि वह भी एक जिम्मेदार रक्तदाता बनेंगे। 

       हैरिसन ने ऑस्ट्रेलियाई  रेड क्रॉस को कुल 1173 बार रक्तदान किया।  डॉक्टरों  के अनुसार, उनका रक्त सामान्य नहीं है। उनके रक्त में एक अद्वितीय  गुण है, जो एक दुर्लभ एंटीबॉडी "रिसस" नामक रोग से लड़ने में मददगार  का साबित हुआ।  एंटीबॉडी रिसस एक प्रकार की घातक बीमारी है। 

     रिसस रोग एक खतरनाक स्थिति है। यह तब का काफी प्रभाव में आती है, जब एक रिसस-नेगेटिव रक्त वाली एक गर्भवती महिला रिसस-पॉजिटिव रक्त वाले बच्चों को जन्म देती है। ऐसे मामलों में माँ की प्रतिरक्षा प्रणाली एंटीबॉडीज का उत्पादन करती है, जो बच्चे की रक्त-कोशिकाओं पर हमला करती है, जिससे संभावित रूप से शिशु के दिमाग को नुकसान या यहाँ तक की मृत्यु जैसी गंभीर जटिलताएँ  है पैदा हो जाती है। 

        


         हैरिसन का रक्त आशा की किरण साबित हुआ। उनके ब्लड में पाए जाने वाले एंटीबॉडी का उपयोग 'एंटी-डी' नामक एक इंजेक्शन विकसित करने के लिए किया गया। यह चिकित्सा के क्षेत्र में किसी चमत्कार से कम नहीं है। यह एक रिसस नामक रोग से प्रभावित ढंग से लड़ने में मदद करता है।  हैरिसन की इस उदारता से 20 लाख से अधिक महिलाओं को लाभ हुआ है।  वर्ष 1967 में नकारात्मक रक्त प्रकार वाली ऑस्ट्रेलियाई महिलाओं को 'एंटी-डी' की 30 लाख से अधिक खुराकें दी गई है। नकारात्मक रक्त प्रकार वाली ऑस्ट्रेलियाई महिलाओं को इसी इंजेक्शन से  की 30 लाख से अधिक खुराकें दी गई है। 

       जेम्स हैरिसन को उनके इस सराहनीय कार्य के लिए अनेक पुरस्कारों से पुरस्कृत किया गया है। वर्ष 1999 में उन्हें 'मेडल ऑफ द ऑर्डर ऑफ ऑस्ट्रेलिया' और वर्ष 2003 में 'गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड' से भी सम्मानित किया गया है।  रक्तदान के प्रति दशकों के समर्पण से हैरिसन ने लाखों लोगों की जिंदगियाँ बदल दी।  वे हम सबके लिए एक प्रेरणा है। 

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